सागर (मध्य प्रदेश):
एक सरकारी भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान ऐसा नज़ारा देखने को मिला जिसने लोगों को चौंका दिया। नगर पालिका उपाध्यक्ष रमाकांत बिलगैंया ने अपना नाम शिलान्यास पत्थर पर न देखकर कार्यक्रम के बीचोंबीच गुस्से में आकर शिलापट्ट को ही तोड़ डाला।
👉 क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक सड़क निर्माण परियोजना का भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें मौजूद थे — विधायक निर्मला सप्रे, नगर पालिका अध्यक्ष लता सकवार, उपाध्यक्ष रमाकांत बिलगैंया, और वार्ड पार्षद अजय ठाकुर।
कार्यक्रम के दौरान जब सभी नेता मंच पर पूजा में बैठे थे, तभी उपाध्यक्ष रमाकांत बिलगैंया ने शिलापट्ट पर अपना नाम गायब पाया। इसी बात से नाराज़ होकर उन्होंने पास रखी कुदाल उठाई और गुस्से में शिलापट्ट पर मार दी, जिससे वह टूटकर ज़मीन पर बिखर गया।
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इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें उपाध्यक्ष का यह व्यवहार साफ देखा जा सकता है। लोग इस वीडियो पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं — कुछ इसे ‘अहंकार’ बता रहे हैं, तो कुछ इस व्यवहार को जनप्रतिनिधि की गरिमा के खिलाफ मान रहे हैं।
🧩 जनता के बीच सवाल:
इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है — क्या जनसेवकों के लिए उनका नाम ज़्यादा मायने रखता है या उनका काम?
क्या सार्वजनिक मंचों पर इस तरह का बर्ताव सही है?